top of page
लेखक की तस्वीरomemy tutorials

कपड़े के दृश्य और स्पर्श संबंधी गुण


कपड़े का लुक और फील / कपड़े के दिखने और महसूस किया जाने वाले गुण / लुक और फील के आधार पर कपड़े का चुनाव


कपड़े के दृश्य और स्पर्श संबंधी गुण-लुक और फील की कहानी!

नीना ने बचपन से अपनी माँ को उनकी सिलाई मशीन पर बेहतरीन कपड़े सीलते हुए देखा था। नीना की माँ को सिलाई का बहुत शौक था और वह अपने काम में बहुत अच्छी थीं। उनके पास पैर वाली सिलाई मशीन और सिलाई करने वाली अनेक चीज़ों का संग्रह था। जब भी नीना की माँ कोई नया कपड़ा सीलना शुरू करती तो नीना शुरूआत से आखिर तक उनके साथ रहती ।

जब नीना और उसकी माँ सिलाई के किसी भी नए प्रोजेक्ट के लिए कपड़े खरीदने जातीं तो उसका पसंदीदा काम कपड़े को चुनना और उसकी सोर्सिंग करना था।यह वह समय था जब मार्किट में शो केस में रेडी टू वियर कपड़े पहने मेनीक्वीन नहीं होती थीं और कपड़े की वैसी दुकानें होती थीं जहाँ खुले कपड़ों के सैकड़ो रोल एक दूसरे के साथ लगे होते थे ।उन कपड़े स्टोर में से अपनी पसंद का कपड़ा ढूंढना किसी खजाने में से अपनी पसंद के कपड़े ढूंढना जैसा होता था और इस काम की शुरुआत नीना की माँ द्वारा दुकानदार को उस आख़िरी उत्पाद के बारे में समझाने से होती जैसा वह बनने के बाद दिखेगा जिससे कि दुकानदार उन्हें सबसे सही कपड़े दिखाने में सफल हो सके ।

इसके बाद,नीना की माँ हर कपड़े को देखती और उसे छू कर महसूस करती और उनमें से कुछ कपड़े को वे रिजेक्ट करती और कुछ को चुनती। नीना अक्सर एक खास रंग और प्रिंट से प्रभावित होती थी लेकिन उसकी पसंद को नीना की माँ अक्सर रिजेक्ट कर देती थी क्योंकि वे रंग और कपड़े को छू कर महसूस करती थीं। नीना ने बहुत कोशिश की लेकिन वह अपनी माँ के कपड़े चुनने का कभी कोई पैटर्न नहीं समझ पाई। किसी एक सिलाई प्रोजेक्ट के लिए उसकी माँ जिस कपड़े को रिजेक्ट कर देतीं उसी कपड़े को किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए पसंद कर लेतीं ।

कपड़े चुनने के इस सफर में ऐसी अनेक घटनाएँ थी जो आज भी नीना की यादों में हैं। एक बार उसे स्कूल में पहनने के लिए एक नई स्कर्ट चाहिए थी और वे दोनों उसके लिए कपड़े खरीदने के लिए अपने पसंदीदा कपड़े की दुकान पर गए। बॉक्स-प्लीटेड स्कूल स्कर्ट के लिए उन्हें नेवी-ब्लू प्लेन कपड़े की जरूरत थी। जैसे ही नीना ने दुकान में प्रवेश किया उसकी निगाहें एक चमकीले नेवी-ब्लू रेशमी कपड़े के रोल पर जा कर टिक गयी जो बिल्कुल सही रंग का था। लेकिन उसकी माँ की कपड़े के रोल पर एक नजर पड़ी और उन्होंने “यह स्कूल यूनिफॉर्म के लिए सही नहीं…कोई और देखते हैं” कहकर नीना के उस ऑप्शन को रिजेक्ट कर दिया।

इसी बीच स्टोर वाले ने उन्हें एक अन्य कपड़े दिखाया, वह भी बिल्कुल सही रंग का था। लेकिन स्टोर वाले के उस सुझाव से नीना की माँ इतनी गुस्सा हुई कि उन्होंने उसे इस सम्बन्ध में स्टोर वाले को इस बारे में कुछ ट्रेनिंग लेने का सुझाव तक दे दिया और वे स्टोर के उस कोने में चली गई जहाँ पुरुषों के कपड़ों के कपड़े रखे हुए थे। वहां उन्हें नीना की बॉक्स-प्लीट स्कर्ट के लिए सही टेक्सचर और वजन का सही कपड़ा मिल गया।


कुछ सप्ताह बाद, नीना और उसकी माँ फिर से एक स्टोर में आये । इस बार वे किसी पारिवारिक शादी के लिए परम्परागत डिजाइन की ड्रेस के लिए कुछ कपड़ों की तलाश में थे। नीना ने चोली और दुपट्टे के साथ एक एथनिक लॉन्ग स्कर्ट (लहंगा) पहनने का सोचा था । लहंगे में कमर पर चुन्नट आनी थी और उसके बॉर्डर को एक एम्ब्रायडरी वाली लेस से सजाना था। इस बार माँ वही चमकदार नीला रेशमी कपड़े (जिसे उन्होंने पिछली बार बिलकुल रिजेक्ट कर दिया था) को चुनकर खुश थी, जिसे उन्होंने एक प्रिंटेड कपड़े की चोली और एक हल्की लेस वाले कपड़े के दुपट्टे के साथ मैच किया।


घर वापस जाते समय, नीना ने अपनी माँ से पूछा ,”माँ आपने उस ही कपड़ेको क्यों चुना जिसे आपने पिछली बार रिजेक्ट कर दिया था “ फील ,टच और फॉल नीना” … …।माँ ने जवाब दिया!

'हमेशा याद रखना, कभी भी कोई डिज़ाइन या कपड़े बुरा नहीं होता ।।।।किसी भी सिलाई प्रोजेक्ट को जो चीज़ ख़राब करती है वह होता है गलत कपड़े का चुनाव !


फॉर्मल स्कूल की स्कर्ट के लिए एक भारी कपड़े की आवश्यकता होती है, जिससे स्कर्ट में चौड़ी बॉक्स वाली प्लीट्स बनाने में आसानी होती है और साथ ही उसमें पूरे दिन सिलवट नहीं पड़ती और साथ ही नीचे हेम लाइन पर किसी बॉर्डर की भी ज़रुरत नहीं पड़ती वहीँ दूसरी ओर, ओकेजन के हिसाब एक एथेनिक लहंगे के लिए एक चमकदार और पतले कपड़ेकी ज़रुरत थी, जिससे लहंगे में कमर पर चुन्नट भी आसानी से डल जायेगी और कमर पर कपड़ेफुला फुला भी नहीं लगेगा। हम अभी भी लहंगे के निचले हिस्से पर एक सुंदर बॉर्डर लगाकर एक ग्रेसफुल फॉल दे सकते हैं जिससे लहंगे के निचला हिस्सा भारी हो जाएगा और लहंगे के हल्के कपड़ेको सीधा रहने में भी मदद मिलेगी ,


नीना ने सोचा, ओह ।।।तो तभी माँ चुपचाप हर दुकान पर अपनी उंगलियों के बीच हर कपड़े को छू कर देखती हैं ! वह किसी भी कपड़े के रूप, स्पर्श और फील के आधार पर ही किसी भी सिलाई प्रोजेक्ट के लिए कपड़ेका चुनाव करती हैं !


कपड़े का रंग रूप और महसूस करने वाला गुण क्या होता हैं?

कपड़े का रंग रूप और महसूस करने वाला अनुभव क्या होता है?

कपड़े का रंग-रूप क्यों महत्वपूर्ण है?

आज कपड़ों की कार्यात्मक और सजावटी विशेषताओं के बारे में पर्याप्त अकादमिक साहित्य उपलब्ध है लकिन पीढ़ियों से रचनात्मक लोग अपने प्रोजेक्ट्स के लिए कपड़ों की उपयुक्तता को उनके रंग रूप और छूकर महसूस करने गुणों के आधार पर चुनती रहे हैं । कपड़े का रंग रूप और महसूस करने वाला गुण किसी भी उत्पाद की खूबसूरती के साथ-साथ उसे बनाने का विवरण तय करने में एक लंबा रास्ता तय करते हैं। सिलाई के निर्णय जैसे डिजाइन का चयन, सही प्रकार का सीम, सही प्रकार का प्रेसर फुट, लाइनिंग कपड़े का चुनाव आदि कई प्रोजेक्ट्स में कपड़े के रंग रूप और महसूस करने वाला गुण पर निर्भर करेगा।

'विजुअल' और 'टैक्टाइल' शब्द को कपड़े के 'लुक' और 'फील' के रूप में समझा जा सकता है!


एक कपड़े का रंग रूप ('विजुअल') वाला गुण क्या होता हैं?

किसी भी कपड़े के रंग रूप की विशेषताओं में कपड़े का रंग, उसकी चमक और कपड़े का डिजाइन शामिल होता हैं। कपड़े के फॉल/ड्रैपेबिलिटी को भी एक तरह से कपड़े के रंग रूप के गुण की तरह समझा जा सकता है।

कपड़े के 4 रंग रूप वाले गुणों में रंग की व्याख्या करना आसान है लेकिन समझना मुश्किल है! (नीना की माँ अक्सर अपने अंतिम चुनाव के लिए दुकानदार द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए कपड़े के रोल को प्राकृतिक रोशनी में बाहर ले जाने का अनुरोध करती थी। नीना की बुद्धिमान सीमस्ट्रेस माँ को इस बात की जानकारी थी कि एक ही रंग अलग-अलग कृत्रिम रोशनी में अलग-अलग रंग का दिखाई देता है और प्राकृतिक रोशनी मानक सबसे अधिक और सबके द्वारा स्वीकार्य था।)


चमक या शाइन को कपड़े की चमक या शाइन (lustre)के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ।रेशम और साटन जैसे कपड़े सूती और ऊन की तुलना में अधिक चमकदार होते हैं। अधिक चमक वाले कपड़े आमतौर पर पार्टियों और नाटक या नृत्य जैसे कार्यक्रमों के सजावटी परिधानों के लिए पसंद किए जाते हैं। वहीं कम चमक वाले कपड़े कामकाज की जगह और सामान्य अवसरों पर पहने जाते हैं।


कपड़ों की सतह के डिज़ाइन श्रेणी एक ऐसी श्रेणी है जिसे विभिन्न तरीकों से समझाया जा सकता है।जैसे कपड़े की सतह सादी, प्रिंटेड या शेडेड हो सकती है। यह उभरी बनावट के साथ भी हो सकती है जैसे तौलिये में उनका उभरा हिस्सा और कॉरडरॉय में उभरी लाइनें (सच है कि ये 'स्पर्श' विशेषताएं हैं, लेकिन उन्हें देख कर भी जाना और समझा जा सकता है )। इसके अतिरिक्त, मखमल जैसे कपड़े हो सकते हैं जो एक साथ कोमलता, गहराई और चमक का आभास देते हैं। यहाँ यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि कपड़े की 'बनावट' को रंग रूप और महसूस किये जाने वाले दोनों गुणों में जगह मिल सकती है। यह इस कारण से है कि आज की आधुनिक तकनीक में कपड़े की बनावट और प्रिंट यानी बनावट धारणा (उदाहरण के लिए 3डी प्रिंट) उत्पन्न करने में सक्षम हैं, जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं। हालांकि, यह बनावट धारणा तैयार उत्पाद की खूबसूरती को तय करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकती है।


कपड़े का गिरना (फॉल) या लपेटा जाना एक अन्य विशेषता है जिसे कपड़े के रंग रूप के साथ-साथ कार्यात्मक विशेषताओं के तहत भी बांटा किया जा सकता है ,यदि गिरना (फॉल) या लपेटा जाना कपड़े की एक महत्वपूर्ण रंग रूप विशेषता नहीं होती तो रचनात्मक डिजाइनर किसी विशेष परिणाम के लिए ऑर्गेंडी या फिश-नेट कपड़ेके बीच चयन करने के लिए स्वतंत्र होते। किसी एक कपड़े को दूसरे के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकना यह साबित करता है कि कार्यात्मक पहलुओं में कपड़े के रंग रूप के अलावा उसके गिरने/ढलने का गुण भी एक तत्व है।

कपड़े के महसूस किये जाने वाले गुण क्या हैं?

कपड़े के महसूस किये जाने गुणों को उन सभी गुणों के रूप में समझा जा सकता है जो छूने एक अलग तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं। तौलिये के कपड़े के उभार को कोमल दबाव से दबाया जा सकता है। वहीँ एक 3-डी बनावट वाले कपडे को छूकर महसूस किया जा सकता है। मखमल और कॉरडरॉय के कपड़े के उभार को विपरीत दिशा में ब्रश करने पर वह प्रकाश को अलग तरह से दर्शाता है। एक अनुभवी व्यक्ति साटन और रेशम के स्पर्श के बीच अंतर कर सकता है, हालांकि दोनों को छूने में फिसलन वाली छूअन महसूस होगी ।ताने/बाने में अतिरिक्त धागों के साथ बुनाई या दोनों ही कपड़ो की बनावट को खास बनाते हैं जो दोनों में देखने और महसूस वाले गुण जोड़ते हैं।

कपड़े के स्पर्शनीय गुणों की प्रासंगिकता केवल सौंदर्य गुण तक ही सीमित नहीं है ।कपड़े की कार्यक्षमता तय करने में स्पर्श गुणों की भूमिका होती है। तौलिए हमेशा उभरे कपड़े (पाइल) से बने होते हैं क्योंकि पाइल में मौजूद अतिरिक्त यार्न लूप कोमलता और धागे का अतिरिक्त सतह क्षेत्र प्रदान करते हैं जिससे नमी को जल्दी से सोखा जा सकता है । आमतौर पर यही कारण है कि तौलिये का कपड़ा सादे कपड़े की तुलना में गीली त्वचा को तेजी से सुखाता है।


नीना की माँ एक कपड़ा वैज्ञानिक या शिक्षाविद बनने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं! लेकिन वे एक प्रतिभाशाली, बुद्धिमान महिला हैं जिन्होंने जीवन की प्रयोगशाला में प्रशिक्षण लिया है और अनुभव और अभ्यास ने उनके ज्ञान को लगातार बढाया है। वह समझती हैं कि किसी भी कपड़े को देख कर और छू कर उसके गुणों का मूल्यांकन करके वे सही कपड़े का चुनाव कर सकती है जिससे उन्हें एक बेहतरीन कपड़े को डिजाइन करने में मदद सकती है।


'लुक एंड फील' जैसा कि उन दिनों कहा जाता था....







Get Notified When a New Story is Published!

संबंधित पोस्ट

सभी देखें

Comentários

Avaliado com 0 de 5 estrelas.
Ainda sem avaliações

Adicione uma avaliação
Post: Blog2_Post
bottom of page